Introduction

बृहस्पतिवार, जिसे हम गुरुवार भी कहते हैं, हिन्दू धर्म में भगवान बृहस्पति के नाम पर चलने वाला वार है। भगवान बृहस्पति हिन्दू धर्म में ज्योतिष ग्रह गुरु (बृहस्पति) के नाम से भी पुकारे जाते हैं। इस दिन भगवान बृहस्पति की आरती करने से भक्तों को भगवान बृहस्पति की कृपा मिलती है और उनकी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। यहाँ हम आपको भगवान बृहस्पति की आरती, उसकी महत्वपूर्णता और लाभों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

भगवान बृहस्पति की आरती क्या है?

भगवान बृहस्पति की आरती एक पूजनीय गाना है जिसे भगवान बृहस्पति की स्तुति में गाया जाता है। इस आरती में भगवान बृहस्पति की शक्ति, कृपा और महत्वपूर्णता की प्रशंसा की जाती है। यह आरती उसकी पुजा के द्वारा उसके आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक सरल और प्रभावी तरीका है।

भगवान बृहस्पति की आरती का महत्व

भगवान बृहस्पति की आरती को गाते समय विशेष ध्यान और श्रद्धा रखना चाहिए। यह न केवल उसकी पूजा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि इससे हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान बृहस्पति की आरती गाने से उसके आशीर्वाद से जीवन में समस्याओं का हल मिलता है और सभी कष्टों से राहत मिलती है।

भगवान बृहस्पति की आरती के लाभ

  • प्राचीन संस्कृति का माध्यम: भगवान बृहस्पति की आरती हमें हमारी प्राचीन संस्कृति और धरोहर के साथ जोड़ती है।

  • शांति और सुख की प्राप्ति: आरती गाने से हमारे मन और आत्मा में शांति और सुख का अनुभव होता है।

  • भगवान की कृपा और आशीर्वाद: इस आरती गाने से भगवान बृहस्पति हमें अपनी कृपा और आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

भगवान बृहस्पति की आरती कैसे गाएं?

भगवान बृहस्पति की आरती गाने से पहले, हाथ में पुष्प या अगर्बत्ती लेकर धारण करें। उत्तम तरीके से बैठकर टंकी और श्रद्धापूर्वक आरती गाएं। ध्यान और श्रद्धा से गाने से भगवान बृहस्पति को प्रसन्न करने में मदद मिलती है।

भगवान बृहस्पति की आरती के बोल

जय देव जय देव जुगमन्गलकारी,
सुरब्रह्ममहादेव सदा निरंतर डारी।

करहू नो स्वामी पुजाऊं एकात्म अविचारी,
जो को छाती तिहारी तिन न सिद्ध करही आरी।

गुरु सुहासित निज अरु बानिर चंद्रद्वारें,
हरिहर रुप अनुपम भूषित त्रिभुवनसुखधारे।

Frequently Asked Questions (FAQs)

  1. भगवान बृहस्पति की आरती किसके लिए गाते हैं?

भगवान बृहस्पति की आरती उनकी पूजा में गाई जाती है ताकि उनकी कृपा मिले और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति हो।

  1. भगवान बृहस्पति की आरती कब गानी चाहिए?

भगवान बृहस्पति की आरती को गुरुवार यानी बृहस्पतिवार को गाना चाहिए।

  1. क्या भगवान बृहस्पति की आरती को रोज़ गाना चाहिए?

जी हां, अगर संभव हो तो भगवान बृहस्पति की आरती को रोज़ गाना चाहिए।

  1. आरती गाते समय क्या पुस्तकें और लाखड़ी देनी चाहिए?

आरती गाते समय एक दीपक, अगरबत्ती, पुष्प, जल और पूर्ण समर्पण की भावना सहित अर्पण की जानी चाहिए।

  1. भगवान बृहस्पति की आरती कितने समय तक गानी चाहिए?

आरती को अधिकतम 5-10 मिनट तक गाया जा सकता है। लेकिन यह हमेशा मन, आत्मा और श्रद्धा सहित किया जाना चाहिए।

इस तरह, भगवान बृहस्पति की आरती का सौंदर्यिक और आध्यात्मिक महत्व अवश्यक है और इसके गाने से हमें उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। तो आइये, हम सब मिलकर भगवान बृहस्पति की आरती का गान करने में आनंद लें और उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करें।

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